तारपीन का तेल : कितना उपयोगी | Turpentine Oil: How Useful

घर में आसानी से उपलब्ध हो जाने वाला तारपीन का तेल बहु-उपयोगी है।
आइए, तारपीन के तेल के कुछ उपयोग जाने :
- कॉर्क तारपीन के तेल में भिगोकर चूहों के बिल पर रख देने से चूहे भाग जाते
हैं। - यदि फर्श पर पेंट (रंग-रोगन) के दाग पड़ गए है, तो तारपीन के तेल से
छुडाएं। आसानी से छूट जाएंगे। - कपड़े के जूतों का रंग फीका पड़ जाने पर उन पर तारपीन का तेल रगड़ने से
चमक आ जाएगी व वह नए-से लगने लगेंगे। - बरसात के मौसम में जूते सूखाकर तारपीन के तेल का भीगा कपड़ा रगड़ दें।
जूते पहले-से हो जाएंगे। - यदि आग से जल गए हैं, तो तारपीन के तेल में रूई भिगोकर जले हुए स्थान
पर लगाने से आपको काफी राहत मिलेगी । - चोट लगने की स्थिति में तारपीन के तेल की मालिश बहुत आराम पहुंचाती है।
- यदि पेट फूल गया है तो पेट पर हाथ से आहिस्ता-आहिस्ता तारपीन का तेल
मले। जल्दी ही फर्क पड़ जाएगा। - सोत समय बिस्तर के आसपास तारपीन का तेल कम मात्रा में छिड़क दें तो
मच्छर पास नहीं फटकेंगे। - दाद होने पर सवेरे शाम तारपीन का तेल दाद के स्थान पर लगाने से वह ठीक
हो जाते हैं। एक्जिमा और खुजली सरीखे चर्म-विकारों में भी तारपीन का तेल - उपयोगी रहता है।
- ततैया, बिच्छू जहरीले प्राणियों व कीड़े-मकोड़ों द्वारा काटे जाने पर काटे हुए
स्थान पर तारपीन का तेल लगाने से सूजन नहीं आती व जलन भी कम हो
जाती है। - कटने पर शरीर के किसी हिस्से से तेजी से रक्त बह रहा है तो तारपीन का तेल
अथवा फिटकरी का बारीक चूर्ण कटे हुए स्थान पर लगा देने से खून गिरना बंद
हो जाता है।