Lemon | संजीवनी फल नींबू 1

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विटामिन सी और अन्य उपयोगी तत्वों का खजाना नींबू Lemon
नींबू एक ऐसा सदाबहार फल है, जो कभी भी, कहीं भी, किसी भी मौसम में सदैव उपलब्ध है। आकार में छोटे-से इस फल में मानो उपयोगिता व गुणों का खजाना भरा पड़ा हो। यह लगभग तीन हजार वर्ष पुराना फल है। दक्षिणी-पूर्वी एशियाई मूल का यह फल रूटेसी वंश का है। आयुर्वेद में नींबू को बहुत महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
इस अम्ल रसयुक्त, अग्नि-दीपक, पाचक, वातनाशक, कृमिनाशक, शूल रोगों में हितकर तथा नेत्र-ज्योतिवर्द्धक बताया गया है। नींबू विटामिन-सी का अद्भुत भंडार है। इसके अलावा, इसमें साइट्रिक एसिड, रूसकार्विक एसिड, प्रोटीन, कार्बोज एसिड, फास्फोरस, विटामिन-ए और लौह तत्व भी पाए जाते हैं। नींबू में साइट्रिक एसिड की मात्रा लगभग सात प्रतिशत तक होती है। चार सौ ग्राम नींबू से कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। लेटिन भाषा में नींबू को साइट्रस मेडिका के नाम से जाना जाता है।
अनेक रोगों और सौन्दर्य समस्याओं में कारगर नींबू Lemon
नींबू इतना आश्चर्यजनक फल है कि उदर रोगों से हृदय रोग तक और पाचन रोगों से लेकर सौंदर्य समस्याओं तक हर कहीं अपने निराले गुणों के कारण उपयोगी है। वैसे नींबू का मुख्य कार्य शरीर में उपस्थित विषैले और विजातीय पदार्थों को नष्ट कर विसर्जित करना है।
प्रसिद्ध चिकित्साशास्त्री प्रोफेसर स्कमोल का कहना है कि अल्पमात्रा में नियमित रूप से नींबू के सेवन से व्यक्ति दीर्घायु बन सकता है। पोषण की दृष्टि से नींबू पौटेशियस के सर्वोत्तम स्त्रोतों में से एक हैं, जो मस्तिष्क में स्वच्छ आक्सीजन का संचरण करता है। नींबू के अलावा शायद ही कोई फल होगा, जिसमें इतने अधिक औषधीय गुण होते होंगे।

रासायनिक संरचना : ( प्रति सौ ग्राम )
कैल्शियम : 70 मिलीग्राम, लौह तत्व : 2.3 ग्राम, प्रोटीन : 10 मिलीग्राम, नायसिन: 0.1 मिलीग्राम, साइट्रिक एसिड : 6.8 ग्राम, विटामिन सी : 39 ग्राम ,कार्बोहाइड्रेट 5.9 ग्राम, खनिज लवण : 0.4 ग्राम इसके अलावा विटामिन बी – 1 विटामिन ए, मैग्निशियम क्लोरीन, साइट्रिक एसिड जैसे तत्व भी मिलते हैं।
विभिन्न रोगों के उपचार में नींबू Lemon का उपयोगः
कब्ज और उदर रोग :
- प्रातः काल खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस निचोड़ कर पीने से कब्ज दूर होती है। स्फूर्ति मिलती है और इसके नियमित सेवन से मोटापा दूर होता है।
- कब्ज से मुक्ति के लिए गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीना चाहिए।
- हैजा, खटूटी डकारें, भूख कम लगना, जी मिचलाना, यात्रा करते समय चक्कर आना तथा सीने में जलन होने पर ठंडे शीतल जल में एक नींबू का रस निचोड़ कर नमक मिलाकर पीना चाहिए।
- पाचनतंत्र की कमजोरी, गैस बनना, अनिद्रा, पेट फूलना जैसे रोगों में प्रतिदिन एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से पाचनतंत्र की सफाई हो जाती है।
- नींबू को काटकर हल्का गर्म कर उस पर काली मिर्च का चूर्ण बुरक कर चूसने से अपच दूर होता है।
- पेट के कीड़ों को नष्ट करने के लिए नींबू के बीजों का पाउडर दो ग्राम मात्रा में लेना चाहिए।
- पेट दर्द में एक गिलास पानी में एक नींबू का रस, अजवाइन का चूर्ण तथा नमक डालकर पीने से तुरन्त राहत मिलती है।

सर्दी जुकाम
- हल्के गर्म पानी में नींबू निचोड़ कर पीने से जुकाम में राहत मिलती है l नींबू को कपड़े में लपेटकर उस पर मिट्टी का लेप कर दे। इसे धीमी आंच में सेकें, फिर धीरे धीरे चूसने से पुराना जुकाम दूर हो जाता है।
- शुद्ध शहद और एक नींबू के रस का मिश्रण तैयार करके रख लें। प्रातःकाल तथा रात्रि में इस मिश्रण को चाटने से खांसी में आराम मिलता है।
- नींबू के रस में शक्कर तथा अदरक का रस मिलाकर पीने से छाती में बलगम, कफ आदि नहीं जमता ।
दंत रोग :
- नींबू के छिलकों को धूप में सूखाकर इसका चूर्ण बना लें। इससे मंजन करने से दांत मजबूत व साफ होते हैं तथा मुंह की दुर्गन््ध दूर होती है l नींबू के पानी से गरारे करने से दांत दर्द से आराम मिलता है।
- नींबू का रस , सरसों का तेल तथा नमक मिला कर मंजन करने से दांत व मूसड़े मजबूत होते हैं।
- मसूड़ों से खून व मवाद आने पर नींबू के रस में शहद मिलाकर मालिश करने से राहत मिलती है।
- दांत में दर्द होने पर नींबू के टुकड़ों को गर्म कर दर्द वाले स्थान पर दबा कर रखें।
- हिलते हुए दांतों की मजबूत के लिए प्रतिदिन 3-4 नींबू का किसी भी रूप में सेवन करे l
- पायरिया रोग होने पर नीम के दातौन पर नींबू का रस लगाकर दांतों पर रगड़े l इससे मुंह की बदबू भी दूर होगी।
- नींबू के रस में लौंग पीसकर लगाने से दांतों के दर्द में आराम मिलता है।

अन्य :
- नींबू और टमाटर का रस मिलाकर पीने से शरीर में खून की कमी दूर होती है।
- नाक में दो – दो बूंद नींबू का रस डालने से नकसीर बंद हो जाती है।
- नींबू के रस में ग्लिसरीन व गुलाबजल मिलाकर लगाने से मुंहासे दूर हो जाते है।
- मलाई और नींबू का रस मुंह पर मलने से भी कील मुंहासे ठीक हो जाते हैं।
- समुद्र के झाग तथा नींबू के रस को मिलाकर रात्रि के समय चेहरे पर लेप करने से एक सप्ताह में चेहरे की झाईयां मिट जाती हैं।
- शरीर के जोड़ों पर नींबू के रस की नियमित रूप से मालिश करने से सूजन तथा जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है।
- लगातार बुखार रहने पर नींबू के रस में तुलसी, नमक, जीरा, हींग गर्म पानी में मिलाकर दिनमें तीन बार सेवन करना चाहिए।
- मिर्गी के रोगियों को हींग के साथ नींबू चूसने से लाभ होता है।
- नींबू की पत्तियों का रस निकाल कर सूंघाने से सिर दर्द तत्काल दूर हो जाता है।
- नींबू चूसने से शराब का नशा कम पड़ जाता है।
- नींबू के पत्तों का रस नाक में टपकाने से सिर दर्द में राहत मिलती है।
- नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं तथा बालों का झड़ना रूक जाता है।
- नींबू के रस में आंवला का चूर्ण मिलाकर लेप करने से बाल काले हो जाते हैं। इस प्रयोग को निरन्तर करें।
- खुजली से प्रभावित हिस्से पर नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर लगाएं।
- गर्भावस्था में महिलाओं को खट्टी वस्तु की तलब होने पर उन्हें नींबू का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि विटामिन सी आयरन, कैल्शियम आदि से परिपूर्ण होने के कारण गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु को इससे उचित पोषण मिलेगा।
- प्रतिदिन प्रात:काल एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी नष्ट होती है।
- हल्दी व मसूर की दाल बराबर मात्रा में लेकर इसे रातभर नींबू के रस में भिगो दें। सुबह नहाने से पूर्व इसे पीसकर शरीर पर मालिश करने त्वचा की चमक व कांति बढ़ती है।
- यात्रा के दौरान नींबू चूसने से जी मिचलाना, घबराहट आदि दूर हो जाते है।
- नींबू के छिलकों का चूर्ण एक चुटकी कान में डालकर ऊपर से नींबू के रस की कुछ बूंदे टपकाने से कर्णशूल दूर हो जाता है।
- यदि सिर के किसी हिस्से के बाल उड़ गए हों तो उस भाग पर नियमित रूप से नींबू रगड़े l नये बाल उगने की पूर्ण संभावना है।
- बवासीर के रोगी एक नींबू को काटकर उस पर कत्थे का महीन पाउडर छिड़क कर चांदनी रात में छलनी के नीचे रख दें। सुबह उस नींबू को चूसेंl
- इस प्रयोग को निरन्तर करने से बवासीर में अवश्य राहत मिलेगी।
- नींबू का रस तथा शहद बराबर मात्रा में मिलाकर चाटने से हिचकी रूक जाती है।

सावधानियां / परहेज
- पथरी के रोगियों को नींबू का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- जिन व्यक्तियों को सभी प्रकार की खटाई से परहेज बताया गया है, वह नींबू का सेवन न करें ।
- जोड़ों के दर्द के रोगी नींबू को खाद्य के रूप में इस्तेमाल न करें, नींबू के रस की मालिश में कोई आपत्ति नही है।
- गले के टान्सिल और पेट के अल्सर के रोगियों को भी नींबू का उपयोग नहीं करना चाहिए।
- निम्न रक्तचाप के रोगी नींबू का उपयोग करने से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।