करोड़ो सालों से धरती पर है – मक्खी | fly 2

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‘मक्खी‘ fly शब्द – अर्थ क्या है ?
दरअसल ‘मक्खी‘ शब्द किसी की लघुता या तुच्छता को अभिव्यक्त करने के मुहावरे के बतौर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस छोटे से प्राणी की इस धरती पर मौजूदगी करोड़ों साल पुरानी है। इंसान के साथ अस्तित्व में आई यह मक्खी आदमी द्वारा पिंड छुड़ाने की लाख कोशिशों के बावजूद आज भी उसके साथ मौजूद है।
कहा जाता है कि शुरूआत में मक्खी के दो जोड़ी पंख हुआ करते थे लेकिन अपनी विकास यात्रा के दौरान न जाने कब मक्खी ने अपने एक जोड़ी अतिरिक्त पंखों से छुटकारा पा लिया और उसकी जगह एंटीना की शक्ल के दो अंग विकसित कर लिए।
मक्खी fly की शारीरिक संरचना
मक्खी का शरीर प्रोटीन व काईटिन जैसे लोचदार तत्वों का बना होता है। शारीरिक संरचना की दृष्टि से मक्खी का शरीर क्रमशः सिर, छाती और पेट, तीन अंगो में विभाजित होता है। छाती के दोनों तरफ तीन-तीन टांगे होती हैं, टांगो के आखरी सिरे पर स्पन्ज जैसी गद्दियां होती हैं, जिनमें से सदैव एक चिपचिपा पदार्थ निकलता रहता है।
मक्खी के शरीर के सबसे महत्वपूर्ण तथा जटिल अंग के रूप में इसकी विशाल आंखो का नाम लिया जा सकता है। प्रत्येक आंख करीब चार हजार लंसों से बनी होती है और हर लैंस एक अलग दिशा में फोकस करता है। इन्हीं लैंसो के कारण मक्खी बड़ी तेजी से दृश्यों का अवलोकन करती हैं वह एक सैकण्ड में दो सौ से अधिक दृश्य देख सकती है।
सभी लैंसों के अलग-अलग दृश्यों को मिलाकर मक्खी पूरा दृश्य देख पाती है। इन दो बड़ी आंखों के अतिरक्ति मक्खी के सिर पर ‘आसिलाई‘ नामक तीन छोटी-छोटी आंखे और भी होती हैं।
सिर पर लगे दो एंटीना मक्खी के शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। इनके द्वारा वह हवा के बहाव की दिशा ज्ञात कर अपनी उड़ान को नियंत्रित करती है। यह ‘एंटीना‘ मक्खी के लिए नाक का भी कार्य करते हैं। इनसे वह भोजन की गंध प्राप्त कर भोजन के पास पहुंचती है। इसके अलावा उड़ान के समय सन्तुलन बनाए रखने में भी एन्टीना काम आते हैं।
मक्खियों fly का एक जोड़ा चार पीढ़ी के दौरान कोई सवा सौ करोड़ संतानें उत्पन्न कर सकता है
अन्य बातों के अलावा मक्खी अपनी विलक्षण प्रजनन क्षमता के कारण भी विख्यात है। वैज्ञानिक कार्ल वान फ्रिक्ष के अनुसार मक्खियों का एक जोड़ा चार पीढ़ी के दौरान कोई सवा सौ करोड़ संतानें उत्पन्न कर सकता है। मक्खियों की सारी संतानें यदि जीवित रह जाये तो एक महिने में सारी दुनिया मक्खियां ही मक्खियां नजर आएगीं और छह महिनों में तो सारा संसार छह फुट ऊंचे मक्खियों के ढेर मे तब्दिल हो जाएगा। मादा मक्खी गंदगी से भरे स्थान पर एक बार में सौ से अधिक अंडे देती है और चोबीस घंटो से भी कम समय में अंडो से मैगट या लार्वा निकल आते है।

जहां तक मक्खियों की उड़ने की गति का प्रश्न है, यह मक्खियों की अलग-अलग प्रजातियों के अनुसार अलग-अलग होती है। एक सामान्य मक्खी एक घंटे में अधिकतम आठ किलोमीटर तक उड़ सकती है। एक खास किस्म की मक्खी इतनी तेज रफ्तार होती है कि वह उड़ते हुए दिखाई तक नही देती। दुनियाभर में मक्खियों की कोई अस्सी हजार नस्ले पाई जाती है।
मक्खी fly भोजन तलाशने में अपनी आंखो के बजाए सिर पर लगे एन्टीना का इस्तेमाल करती है
सचमुच यह हैरत अंगेज तथ्य है कि मक्खी भोजन तलाशने में अपनी आंखो के बजाए सिर पर लगे एन्टीना का इस्तेमाल करती है। रातभर आराम करने के बाद अलसुबह मक्खी भोजन की तलाश में निकलती है। भोजन की गंध पाते ही वह उस दिशा में उड़ चलती है।
यहां एक और आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि मक्खी भोजन मुंह से नही बल्कि अपने पैरा से चखती है। इसके पैरों की नोक में स्वाद नलिकाएं होती हैं, जिनसे मक्खी भोजन का स्वाद पता करती है। उसके बाद मक्खी के सिर पर लगे एंटीना से एक ट्यूब जैसा अंग बाहर निकलता है जिसे ‘रोस्ट्रम‘ कहा जाता है।
मक्खी रोस्ट्रम की मदद से ही अपना भोजन चूसती है। अपना भोजन करते समय मक्खी खाद्य सामग्री को अत्यधिक नुकसान पहुंचाती है। एक अनुमान के अनुसार प्रतिवर्ष मक्खियां अरबों रूपयो का दूध और लाखो रूपयों की भोजन सामग्री को नष्ट कर देती हैं।
कैसा होगा मच्छर और मक्खियों fly से मुक्त संसार ?
भोजन का स्वाद लेते समय मक्खी के पैरों पर गन्दगी में पल रहे कीटाणु चिपक जाते है और फिर जब वही मक्खी हमारे खाद्य पदार्थो पर बैठती है तो उसके द्वारा कीटाणु वहां पहुंच जाते है। ये कीटाणु पेचिश, डायरिया, हैजा, तपेदिक जैसे रोग पैदा करने में सहायक होते है।
दूसरे विश्वयु़द्ध के दौरान डी. डी़ टी़ की खोज हो जाने से यह समझा जाने लगा था कि अब मच्छर और मक्खियों से मुक्त संसार की कल्पना की जा सकती है। चालीस के दशक में संसार में करोड़ो टन डी.डी.टी. का इस्तेमाल किया गया किन्तु अन्त में जाकर सब कुछ निश्फल हो गया।
तब ज्ञात हुआ कि मच्छर मक्खियों ने डी.डी.टी. के खिलाफ प्रतिरोधक-क्षमता विकसित कर ली है। तब से आदमी और मक्खियों के बीच सतत् संघर्ष जारी है और अभी तो पलड़ा मक्खियों का ही भारी दिखाई देता है।
मक्खियों fly के बारे एक और रोचक जानकारी
आखिर में मक्खियों के बारे एक और रोचक जानकारी! डानियल मैचिकस नामक व्यक्ति ने मक्खियों को प्रशिक्षित कर उनसे सर्कस के करतब दिखाने जैसा रोमांचकारी काम लिया है। इसक सर्कस में प्रशिक्षित मक्खियां सर्कस की शुरूआत में अमेरिका का झंडा लेकर परेड करती हैं।
दूसरे करतब के रूप में एक महीन धागे पर कला बाजियां खाती हुई चलती हैं । इसके बाद मक्ख्यिों की गाड़ी दौड़ दिखाई जाती है। कुछ मक्खियां टिशु पेपर की बनी गाड़ी को खींचती हैं । सर्कस की ये मक्ख्यिां ऊंची कूद में 8 से 13 इंच ऊचाई तक कद कर दिखाती है। यह सर्कस खासा लोकप्रिय हुआ और दर्शक दूरबीन लगाकर मक्खियों के अनेक करतब देखते हैं।